कोरोना के नए वैरिएंट से सावधान रहना जरूरी, ‘मन की बात’ में बोले पीएम मोदी
पीएम ने मन की बात में कहा कि जो नया Omicron वैरिएंट आया है, उसका अध्ययन हमारे वैज्ञानिक लगातार कर रहे हैं। कोरोना के नए वैरिएंट से सावधान रहना जरूरी है, हर रोज नया data उन्हें मिल रहा है, उनके सुझावों पर काम हो रहा है। ऐसे में स्वयं की सजगता, स्वयं का अनुशासन, कोरोना के इस वैरिएंट के खिलाफ देश की बहुत बड़ी शक्ति है। हमारी सामूहिक शक्ति ही कोरोना को परास्त करेगी, इसी दायित्वबोध के साथ हमें 2022 में प्रवेश करना है।
वैक्सीन की 140 करोड़ डोज के पड़ाव को किया पार
पीएम ने मन की बात में कहा कि वैक्सीन की 140 करोड़ डोज के पड़ाव को पार करना, प्रत्येक भारतवासी की अपनी उपलब्धि है। ये प्रत्येक भारतीय का, व्यवस्था पर भरोसा दिखाता है, विज्ञान पर भरोसा दिखाता है, वैज्ञानिकों पर भरोसा दिखाता है और समाज के प्रति अपने दायित्वों को निभा रहे, हम भारतीयों की इच्छाशक्ति का प्रमाण भी है।
एग्जाम से पहले मैं छात्रों के साथ चर्चा करने की योजना
- पीएम ने मन की बात में कहा कि इस साल भी एग्जाम से पहले मैं छात्रों के साथ चर्चा करने की योजना कर रहा हूँ।
- इस कार्यक्रम के लिए दो दिन बाद 28 दिसंबर से MyGov.in पर रजिस्ट्रेशन भी शुरू होने जा रहा है।
- ये रजिस्ट्रेशन 28 दिसंबर से 20 जनवरी तक चलेगा।
- इसके लिए क्लास 9 से 12 तक के छाक्ष, टीचर्स और अभिभावक के लिए ऑनलाइन मुकाबला भी आयोजित होगा।
- मैं चाहूँगा कि आप सब इसमें जरुर हिस्सा लें।
हेलिकॉप्टर हादसा मेरे ह्रदय को छू गया
तमिलनाडु के हेलिकॉप्टर हादसे का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि वरुण जब अस्पताल में थे, उस समय मैंने सोशल मीडिया पर कुछ ऐसा देखा, जो मेरे ह्रदय को छू गया। इस साल अगस्त में ही उन्हें शौर्य चक्र दिया गया था। इस सम्मान के बाद उन्होंने अपने स्कूल के प्रिंसिपल को एक चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी को पढ़कर मेरे मन में पहला विचार यही आया कि सफलता के शीर्ष पर पहुँच कर भी वे जड़ों को सींचना नहीं भूले। दूसरा- कि जब उनके पास जश्न करने का समय था, तो उन्होंने आने वाली पीढ़ियों की चिंता की। वो चाहते थे कि जिस स्कूल में वो पढ़े, वहाँ के विद्यार्थियों की जिंदगी भी एक celebration बने.वरुण सिंह, उस हेलीकॉप्टर को उड़ा रहे थे, जो इस महीने तमिलनाडु में हादसे का शिकार हो गया।
उस हादसे में हमने देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत कई वीरों को खो दिया। वरुण सिंह भी मौत से कई दिन तक जांबाजी से लड़े, लेकिन फिर वो भी हमें छोड़कर चले गए। महाभारत के युद्ध के समय भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कहा था- ‘नभः स्पृशं दीप्तम्’ यानि गर्व के साथ आकाश को छूना। ये भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य भी है। माँ भारती की सेवा में लगे अनेक जीवन आकाश की इन बुलंदियों को रोज,गर्व से छूते हैं, हमें बहुत कुछ सिखाते हैं। ऐसा ही एक जीवन रहा ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का।