जिला निर्वाचन अधिकारी के आदेश को ठेंगा दिखाते एनआरएलएम के अम्बरीश सोनगोत्रा किसकी सह पर आचार संहिता में भी लगातार मुख्यालय छोड़ रहे अम्बरीश सोनगोत्रा
जिला निर्वाचन अधिकारी के आदेश को ठेंगा दिखाते एनआरएलएम के अम्बरीश सोनगोत्रा
किसकी सह पर आचार संहिता में भी लगातार मुख्यालय छोड़ रहे अम्बरीश सोनगोत्रा
नरेंद्र राय विक्की
सिवनी पृथ्वी टाइम्स 30 मार्च 2024।
विगत 16 फरवरी 2024 को मप्र डे राज्य आजीविका मिशन जिला पंचायत विभाग सिवनी के लिए काला दिन ही साबित हुआ जब सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों की गणवेश में भारी कमीशनखोरी का महाघोटाला उजागर हुआ,और जगह जगह से गुणवत्ता विहिन स्कूली ड्रेस स्वसहायता समूहों के ठिकानों से पकड़ाई गईं।जिसकी तत्कालीन डीपीएम आरती चोपड़ा और उनके निकटतम सहयोगी अम्बरीश सोनगोत्रा थे जिनको जिला पंचायत सिवनी के ईमानदार सीईओ पवार नवजीवन विजय ने यहां से डिमोशन कर सजा तो दी लेकिन अभी यह सजा इनके और सहयोगी फर्म (वेंडर) के लिए नाकाफी है मामला अभी भी सफर कर रहा है आगे बहुत कुछ देखना बाकी है आरती चोपड़ा को एबीएम बनाकर मूल पड़ पर दतिया भेजा गया तो अम्बरीश सोनगोत्रा कुरई बीएम बने है जो वहां पहुंचते ही गुल खिलाने में मस्त हैं और हों भी क्यों नही इनसे अपनी सिवनी की धमक छूट नही रही है।
आचार संहिता का खुला उल्लंघन
बता दें कि अभी लोकसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लगी हुई है वहीं जिला निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर के सीधे आदेश हैं कि कोई भी शासकीय कर्मचारी/अधिकारी अकारण मुख्यालय नही छोड़ सकता लेकिन यह नियम एनआरएलएम के बीएम अम्बरीश सोनगोत्रा पर लागू नही होता चाहे कोई भी डीपीएम,सीईओ या कलेक्टर ही क्यों न हो बदस्तूर ये सज्जन सप्ताह के प्रत्येक शुक्रवार की शाम अपने ग्रह जिला मंडला चले जाते हैं और सोमवार की सुबह वापस होते हैं जिसकी खबर डीपीएम राजेंद्र शुक्ला सहित स्टाफ के सभी लोगों को पता है पर पता नही क्यों इन्हें बचाया जाता रहा है ऐसा अभी ही नही कई महीनों से चला आ रहा है,जो नियम विरुद्ध है।
किंतु हमारे द्वारा इस आशय की जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारी और सीईओ जिला पंचायत को दे दी गई है अब देखना है कि क्या अम्बरीश सोनगोत्रा इन पर भी भारी पड़ेंगे।
हमे मिली जानकारी के अनुसार घंसौर एनआरएलएम में पदस्थ बीएम जितेंद्र बेदुआ को गणवेश स्केंडल का पार्ट बनाया जा सकता है चूंकि सीईओ जिला पंचायत के आदेश की अवहेलना करते हुए इनके द्वारा वेंडर को समूह की महिलाओं के माध्यम से भुगतान करा दिया गया है जो जानबूझकर की गई गलती की श्रेणी में आकर सीईओ पवार नवजीवन विजय के आदेश की अवहेलना को उजागर करता है,आगामी खबर में हम बताएंगे पूरी सच्चाई सबूत के साथ फिर शायद ही बच पाएं जितेंद्र बेदुआ।