लालमाटी स्कूल के बच्चों की बद्दुआ ले न डूबे सहायक आयुक्त और डीपीसी को
प्राथमिक शाला लालमाटी पर कब पड़ेगी ,डीपीसी व सहायक आयुक्त की नजर
ट्राइबल विभाग व जिला शिक्षा केन्द्र में ठेकेदारों के इशारे पर हो रहा है स्कूलों का कायाकल्प
गरीब मेहनतकश मजदूरों के बच्चे दलदल में पढ़ने को मजबूर
लक्ष्मण सिंह अहिरवार
छपारा (पृथ्वी टाइम्स)29 जुलाई 22
नगर परिषद छपारा के शिवनगर वार्ड क्रमांक 3 के लालमाटी क्षेत्र में स्थित शासकीय प्राथमिक शाला की दुर्दशा के लिए आखिर कौन जिम्मेदार हैं
क्या यहां प्रधान पाठक नहीं है या क्षेत्र में बीआरसी नहीं है बीएसी , जनशिक्षक नहीं है बीते 5 वर्षों से प्राथमिक शाला लालमाटी स्कूल की हालत देख बच्चों के माता-पिता या स्वयं बच्चे उक्त शाला में जाना क्यों पसंद नहीं कर पा रहे, जब स्कूल में कोई जवाबदार शिक्षक, संचालक, प्रबंधक नहीं है तो कैसे चलेगी सरकारी संस्था कैसे बनेगा बच्चों का भविष्य, छपारा लालमाटी के प्राथमिक शाला के हालात यह है कि स्कूल की कक्षा तक पहुंचने से पहले घुटने घुटने पानी से होकर छात्रों व स्वयं शिक्षकों को जाना पड़ता है इतना ही नहीं छात्र व शिक्षक सभी स्कूल परिसर ग्राउंड के जलभराव दलदल से कक्षा तक पहुंचते हैं और यह हालात आज वर्तमान की नहीं है बीते 10 वर्षों से यही हाल होते हैं क्या स्कूल के शिक्षक प्रधान पाठक को ज्ञात नहीं है क्षेत्र के बीआरसी को जानकारी नहीं है आखिर क्यों स्कूल की दशा व्यवस्था पर काम नहीं किया गया, कहीं ऐसा तो नहीं कि मजदूरों के बच्चे मजदूर ही बने रहें इस मानसिकता के चलते अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं
*सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे अधिकारी*
केंद्र व प्रदेश सरकार के मुखिया भले ही शिक्षा के क्षेत्र में लगातार प्रयास कर रहे हैं लेकिन अधिकारियों की निष्क्रियता के चलते ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था में काला धब्बा लगता दिखाई दे रहा है एक तरफ सिवनी जिला आदिवासी बहुल क्षेत्र है जिसके चलते आदिवासी विकास विभाग में स्कूल छात्रावासों के लिए करोड़ों रुपए शासन से खर्च करने के लिए फंड के रूप में प्राप्त होता है जिसमें स्कूल व छात्रावासों की व्यवस्था, बिल्डिंग, शिक्षा सामग्री, मरम्मत व निर्माण कार्य शामिल है लेकिन यह सब कार्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार ना होकर ठेकेदारों व सेटिंग वालों के माध्यम से होते हैं ठेकेदार ही पूरे क्षेत्र के स्कूल छात्रावासों का निरीक्षण करते हैं उसके बाद स्टीमेट प्लान तैयार कर ट्राईबल विभाग व जिला शिक्षा केन्द्र के साहबों तक पहुंचाते हैं जहां उक्त स्थानों पर बड़ी बड़ी राशि खर्च करने के कार्य स्वीकृत होते हैं जबकि ट्राइबल विभाग या जिला शिक्षा केन्द्र में मेंटेनेंस अधिकारी सब इंजीनियर फील्ड ऑफिसर बाबू कर्मचारी सभी होते हैं लेकिन वह सब ठेकेदारों की फाइलों का इंतजार करते हैं यदि विभाग के अधिकारी जमीन स्तर पर स्कूलों छात्रवासों की व्यवस्था का निरीक्षण करते या छात्रों के साथ स्कूलों के प्रधान पाठक, बीआरसी, बीएसी जन शिक्षक, मंडल संयोजक आदि से जानकारी प्राप्त कर शिक्षण संस्थाओं की व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित किया जा सकता है
लेकिन ऐसा होता नहीं है बड़े साहब व उनके कार्यालय के अधिकारी कर्मचारी कार्यालय से बाहर नहीं निकलते वह केवल ठेकेदारों के प्लान पर मोहर लगाकर अमलीजामा पहनाने में मस्त रहते हैं परिणाम स्वरूप कार्य की गुणवत्ता वह संरचना पर एक बड़ा खेल होता है और उसका सीधा प्रभाव शासन के साथ-साथ छात्रों के भविष्य के साथ देखा जा सकता है
*गरीब छात्रों के साथ अन्याय कर रहे अधिकारी*
छपारा के लालमाटी प्राथमिक शाला एक बानगी है जहां स्कूल संचालित होने के बाद कभी भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने स्कूल प्रबंधन व शाला सुविधा पर रुचि नहीं लिया क्योंकि छपारा के लालमाटी क्षेत्र में केवल और केवल मजदूर वर्ग के लोग निवास करते हैं और उन गरीब मजदूरों के बच्चों को अच्छी शिक्षा और सुविधा आखिर क्यों दी जाए, क्योंकि अधिकारी सरकारी तंत्र की कठपुतली है शायद इसलिए शिक्षा के क्षेत्र में गिरता ग्राफ देखा जा रहा है
*45 से 60 छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़*
जानकारी हो कि छपारा के लालमाटी क्षेत्र में स्थित प्राथमिक शाला और आंगनवाड़ी केंद्र में करीब 60 बच्चे कि दर संख्या है जो स्कूल परिसर में जलभराव होने से व स्कूल की व्यवस्था जिसमें फर्श, साफ सफाई व सुविधा के अभाव के कारण उन बच्चों को 2 किलोमीटर दूर अभ्यास शाला भेजा जा रहा है इससे यह बात स्पष्ट हो जाती है कि प्रदेश में कम दर्ज संख्या वाली शालाऐं बंद हो रही हैं तो उसका सीधा कारण यह है कि अधिकारियों की निष्क्रियता के चलते पालक शासकीय संस्थाओं से दूरी बना रहे हैं आज लालघाटी क्षेत्र की यह प्राथमिक शाला एक वांनगी के रूप में देखी जा सकती है जहाँ गरीब परिवारों के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है
*क्या सहायक आयुक्त व डीपीसी स्वयं करेंगे निरीक्षण*
खबर के माध्यम से जनहित में अपेक्षा की जा रही हैं कि क्या छपारा के शिवनगर वार्ड लालमाटी क्षेत्र के प्राथमिक शाला का मौका निरीक्षण सहायक आयुक्त व जिला शिक्षा अधिकारी महोदय करेंगे या फिर सिवनी कार्यालय में बैठे-बैठे ठेकेदारों की फाइलों का निपटारा किया जाएगा समाचार के माध्यम से जिला शिक्षा अधिकारी यदि लालमाटी क्षेत्र के प्राथमिक शाला व अन्य ग्रामीण शालाओं का निरीक्षण कर शालाओं में सुविधा व्यवस्था बनाते हैं व अधिकारी स्वयं रूचि लेकर स्कूल व्यवस्था पर सुधार करवा पाते हैं तो गरीब परिवारों के छात्रों व उनके पालकों के लिए एक वरदान साबित होगा