म.प्र. के नगरीय निकाय चुनाव वीवीपैट वाली EVM से क्यों नहीं कराए गए ?
म.प्र. के नगरीय निकाय चुनाव वीवीपैट वाली EVM से क्यों नहीं कराए गए ?
प्रश्न चिन्ह लगाने वाले उम्मीदवारों के साथ हाईकोर्ट जाने की तैयारी….
– जयदीप सिंह बैस (एडवोकेट)
जबलपुर (पृथ्वी टाइम्स) म.प्र. के नगरीय निकाय चुनाव को लेकर संदेह करने वाले प्रत्याशी एवं नागरिक सरकार पर सवाल खड़े कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर नगरीय चुनाव में वीवीपैट वाली ईवीएम का इस्तेमाल नहीं किए जाने को लेकर याचिका दाखिल की जाएगी जिस पर आज चर्चा हुई। जिसमे प्रमुख रूप से कांग्रेस ब्रिगेड के अधिवक्ता प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एड. जयदेवराज कोल्हटकर, एड.वीरेंद्र कुमार सिंह, आम आदमी पार्टी (आप) के एड. जयदीप सिंह बैस, अजय मिश्रा, विनोद नामदेव एवं पदम सनोडिया जी आदि ने evm से चुनाव की अनियमितताओं के बारे में विस्तार से अपने अनुभव साझा किए।
म.प्र.राज्य निर्वाचन आयोग से एम.पी. हाईकोर्ट में याचिका के माध्यम से पूछा जायेगा कि नगरीय निकाय चुनावों के लिए वीवीपैट वाली ईवीएम का इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया ?
ज्ञात होवे कि दिल्ली उच्च न्यायालय, आम आदमी पार्टी (आप) की एक याचिका पर सुनवाई कर रहा है। यह याचिका विधायक सौरभ भारद्वाज के माध्यम से दायर की गई है। इस याचिका में दिल्ली के राज्य निर्वाचन आयोग को आगामी एमसीडी चुनाव एसी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के साथ कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था जो मतदान मिलान पर्ची (वीवीपैट) के साथ हों और उसके बिना नहीं हों।
आप ने कहा कि वीवीपैट मशीनों के बिना ईवीएम मशीनों की सटीकता का पता लगाना और उसमें किसी भी तरह की छेड़छाड़ को खारिज करना लगभग असंभव हो जाता है।
*वैरीफिकेशन?*
*क्यों सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर दिया था अहम आदेश*
याचिका में कहा गया है बिना वीवीपैट के पुराने एम-2 ईवीएम का इस्तेमाल सुब्रमण्यम स्वामी बनाम भारत के चुनाव आयोग, (2013) में उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी निर्देशों का उल्लंघन है। यह माना गया था कि ईवीएम में मतदान मिलान पर्ची प्रणाली का समावेश और कार्यान्वयन एक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए एक अनिवार्य आवश्यकता है।
इसमें आरोप लगाया गया कि राज्य निर्वाचन आयोग का एमसीडी चुनाव 2022 को एम -2 ईवीएम के साथ वीवीपैट के बिना कराने का निर्णय स्पष्ट रूप से गलत है और अधिकारों के दुरुपयोग के समान है। इसमें कहा गया है कि यह पूरी चुनावी प्रक्रिया की शुचिता के बारे में वास्तविक आशंका उत्पन्न करता है।
इसमें कहा गया है कि यह निर्णय पार्टी के 2 मार्च, 2022 के उस प्रतिवेदन के जवाब में बताया गया है जो उसने अधिकारियों को वीवीपीएटी के साथ संगत ईवीएम का उपयोग करने के लिए दिया था। इसमें आरोप लगाया गया है इस तरह प्रतिवादी नं. 1 (राज्य निर्वाचन आयोग) ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की संवैधानिक गारंटी का स्पष्ट रूप से उल्लंघन किया है।
उच्चतम न्यायालय सहित अन्य उच्च न्यायालय के आदेशों के परिप्रेक्ष्य में मध्य प्रदेश में संपन्न हुए नगरीय निकाय के चुनाव संदेहास्पद हो गए हैं, इसके लिए तमाम प्रकार के साक्ष्य एकत्रित किए जा रहे हैं जिन्हें लेकर शीघ्र ही मध्य प्रदेश हाई कोर्ट,जबलपुर में याचिका लगाकर चुनाव को निरस्त किए जाने का मामला दायर किया जाएगा।