फूलचंद सहारे को जपं अध्यक्ष बनाने सक्रिय हुए कावरे
बालाघाट(पृथ्वीटाइम्स) जनपद पंचायत बालाघाट में 28 जुलाई को अध्यक्ष का चयन किया जाना है । इस जनपद के अंतर्गत आने वाले अधिकांश क्षेत्र परसवाड़ा विस क्षेत्र में आते हैं । यहां के अध्यक्ष पद पर जपं सदस्य क्षेत्र क्रमांक 23 से विजयी फूलचंद सहारे निवासी ग्राम लोहारा लिंगा को पदासीन करने के लिए कावरे ग्रुप ने जपं के 16 सदस्यों को अपने संरक्षण में रख लिया है । गुप्त स्थान पर ले जाये गये सदस्यों में एक भी महिला सदस्य साथ नहीं है अपितु विजयी ग्यारह महिला जपं सदस्यों के पति अथवा अन्य रिश्तेदार को अज्ञात स्थान पर रखा गया है ।
जानकारी लिए जाने पर ज्ञात हुआ कि जनपद पंचायत क्षेत्र क्रमांक 25 से विजयी श्रीमती रंजना वैद्य निवासी ग्राम हट्टा को अध्यक्ष पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है । वहीं दूसरी ओर जनपद पंचायत सदस्य क्षेत्र क्रमांक 19 से विजयी अब्दुल हक उर्फ भुरू पटेल भी अध्यक्ष पद हेतु अपनी दावेदारी पेश करने के लिए तैयार हैं ।
भाजपा के सामने अध्यक्ष पद हेतु श्रीमती वैद्य का नाम सामने आने से परसवाड़ा विधायक के समक्ष नई परेशानी खड़ी हो गई कि वे श्रीमती वैद्य को जनपद पंचायत अध्यक्ष बनने से रोकें क्योंकि श्रीमती रंजना वैद्य अनुसूचित जाति से आती हैं और भविष्य में परसवाड़ा विस सीट के लिए अपनी दावेदारी पेश करने की तैयारी कर रही है । परसवाड़ा विस क्षेत्र में एससी समाज के लगभग सवा लाख से ज्यादा मतदाता हैं जिनपर श्रीमती रंजना वैद्य का अच्छा प्रभाव है । संघीय भाजपा के वरिष्ठ नेता डा. टुकडाया दास वैद्य की बहुरानी होने के नाते श्रीमती रंजना वैद्य को विशेष दर्जा दिया जाता रहा है ।
परसवाड़ा विस क्षेत्र के विधायक की कुर्सी पर खतरा मंडराते देख कावरे ग्रुप ने तत्काल प्रभाव से योजना बनाई कि रंजना वैद्य के बढ़ते कदमों को रोकना जरूरी हो गया है । अन्यथा भविष्य में नुकसान का सामना करना पड़ेगा । बस फिर क्या था कावरे ग्रुप ने फूलचंद सहारे को भाजपा की ओर से अध्यक्ष के रुप बैठाने का निर्णय ले लिया । और नाकेबंदी शुरु कर दी । कावरे ग्रुप ने डा. वैद्य सहित उनकी बहू को अध्यक्ष पद की दावेदारी पेश नहीं करने कहा पर वैद्य द्वय द्वारा इंकार करने से कावरे ग्रुप ने जनपद सदस्यों की घेराबंदी शुरु कर दी । इधर कांग्रेस की ओर से एकमात्र दावेदार भुरू पटेल ही हैं जो जनपद अध्यक्ष पद के लिए बेहतर माने जाते हैं ।
भाजपा में बढ़ते खिंचाव को कम करने के लिए पूर्व कैबिनेट मंत्री महोदय गौरीशंकर बिसेन , पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रेखा बिसेन , पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष रमेश रंगलानी , वरिष्ठ नेत्री श्रीमती लता एलकर, ने कावरे ग्रुप को समझाने की हरसंभव कोशिश करी कि श्रीमती रंजना वैद्य को जनपद पंचायत अध्यक्ष के लिए सामने लाया जाये । जिससे एससी वोटों को भी विश्वास में लिया जा सकेगा किंतु कावरे ग्रुप ने दो टूक शब्दों में कह दिया कि उनके विस क्षेत्र के मामले में कोई दखल नहीं दिया जाये । ये वे ही तय करेंगे कि जनपद पंचायत बालाघाट के अध्यक्ष पद की आसंदी पर किसे बैठाया जाये ।
बहरहाल भाजपा की ओर से अध्यक्ष पद की दावेदारी में आये पेंच से जनपद पंचायत बालाघाट की राजनीति गर्मा गई है । आशंका है कि बसपाई मानसिकता का असर वैद्य द्वय पर पड़ा तो उनका साथ देने वाले विजयी जनपद सदस्यों का रुझान कांग्रेस पार्टी के भुरू पटेल की ओर जा सकता है । जिससे कावरे ग्रुप को क्षति का सामना करना पड़ सकता है । दाम और दबाव की राजनीति के बावजूद संरक्षित सदस्य भी अपना मत अपनी मर्जी से दे सकते हैं । इसकी कोई गारंटी नहीं कि वे अपना मत उसी को दें जिसके लिए इतना प्रपंच रचा गया है ।