महिला अपराध रोकथाम हेतु मध्यप्रदेश पुलिस हेतु कार्ययोजना सुझाव
महिला अपराध रोकथाम हेतु मध्यप्रदेश पुलिस हेतु कार्ययोजना सुझाव
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1 सायबर जागरूकता अभियान एक महती आवश्यकता–
जिस तरह से मोबाइल,कम्युटर जैसे अत्याधुनिक संचार माध्यमों ने युवा वर्ग ,विद्यार्थियों और अन्य अवयस्क शहरी/ ग्रामीण बच्चों के मध्य जबरदस्त घुसपेठ बना ली है, उसी के दुष्परिणामस्वरूप सोशल मीडिया फेसबुक,इंस्ट्राग्राम, व्हाट्सएप, vmate ,sharechate आदि अनेकानेक माध्यमो से सायबर क्राइम बढ़ा हसि,जाने अनजाने हो रहे इन अपराधों जे शिकार हो रहे युवा वर्ग व विद्यार्थियों ,खासकर युवतियों को स्कूल स्तर से ही एक सघन जागरूकता अभियान के माध्यम से ही इसकी कुछ हद तक रोकथाम सम्भव है ,इस हेतु न केवल पुलिस,बल्कि शिक्षा विभाग, NGO /जागरूक स्वयंसेवी संगठनों को शहरी/ग्रामीण स्तरों पर रचनात्मक पहल करनी होगी
2 महिला एवम बाल विकास विभाग के माध्यम से आंगनबाड़ी सुपरवायजर/आशा कार्यकर्ताओं को कानूनी जागरूकता में प्रशिक्षित करके सायबर जागरूकता के साथ साथ महिला सम्बन्धी अन्य अपराधों जैसे जैसे घरेलू हिंसा,दहेज प्रताड़ना, साधारण मारपीट ,स्त्री पुरूष लैंगिक भेदभाव, बालिका शिक्षा ,बालविवाह आदि अनेक तरह से बेहतर महिला सशक्तिकरण किया जा सकता है, इस हेतु प्रत्येक पुलिस थाना स्तर पर चाहे ग्रामीण हो अथवा शहरी अपने अपने बीट स्तर पर प्रभारियों द्वारा व्यक्तिगत रुचि लेकर कर्तव्यनिर्वहन करने होंगे
3 अवयस्क बालक/बालिका में Good Touch-Bad Touch से सम्बन्धी विशेष जागरूकता मूलक कार्यक्रम महिला एवं बाल विकास विभाग को साथ लेकर प्रत्येक स्कूल/आंगनवाडी स्तर पर सतत करने होंगे
4 पॉस्को एक्ट यानी बाल अपराधों ,लैंगिक शोषण की आपराधिक घटनाओं में कमी लाने एवम रोकथाम की दृष्टि से प्रत्येक थाना स्तर पर वार्ड वार्ड व ग्राम ग्राम में यह डेटा संकलन करना होगा कि किस मोहल्ले,कॉलोनी में कितने ऐसे व्यक्ति है जो अधेड़ हो चुके है ,पत्नी गुजर चुकी है या पत्नी तंग आकर छोड़कर चली गई है, ऐसे लोग अक्सर नाबालिग बालक बालिकाओं के विरूद्ध लैंगिक हमले करते है, इस तरह के डेटा संकलन करके ऐसे चिन्हित व्यक्तिओ पर,उनकी हरकतो पर गुप्त निगाह रखी जा सकती है ,जागरूक नागरिको/रक्षा समिति सदस्यों के माध्यम से, साथ ही ऐसे चिन्हित व्यक्ति विशेष को समूह में बुलवाकर कानूनी जागरूकता मुहिम भी चलाई जानी नितांत आवश्यक है
5 महिला अपराधों की रोकथाम में NCC, NSS, स्काउट्स,गाइड, SPC आदि के विद्यार्थियों girls/boys को विशेष रूप से कानूनी रूप से जागरूक किये जाने की आवश्यकता है
6 स्पोर्ट्स एक्टिविटिज खेल गतिविधियों से जुड़ी महिला खिलाड़ियों के मध्य भी विशेष जागरूकता अभियान जिला /ब्लॉक खेल अधिकारियों के माध्यम से चलाया जाना चाहिए, क्योंकि खेलकूद गतिविधियों में अक्सर यंहा वँहा जाना होता है, वँहा स्वयम खेल अधिकारी,कोच के साथ साथ खिलाड़ी बालिकाओं में जागरूकता अतिआवश्यक है
7 जिला स्तर पर शहरी/ग्रामीण अंचलों में शासकीय कार्यो/निजी कम्पनियों में कार्यरत महिलाओ/युवतियों के कार्यस्थल पर लैंगिक अपराधों की रोकथाम हेतु समय समय पर इनके मध्य भी जागरूकता मूलक कार्यक्रम किये जाने की महती आवश्यकता है
8 घरेलू हिंसा,दहेज प्रताड़ना आदि महिला सम्बन्धी आपराधिक घटनाओं में रोकथाम हेतु *समाज मे एक आदर्श प्रतिस्पर्धा के वातावरण निर्मित करने की नितांत आवश्यकता* है इस हेतु प्रत्येक थाना में बीट स्तर ,वार्ड स्तर पर श्रेष्ठ सास-बहू सम्मान, आदर्श युगल सम्मान, आदर्श परिवार सम्मान , श्रेष्ठ ननद-भोजाई सम्मान इस तरह के चयनित कार्यक्रम करके महिला वर्ग में आदर्श मापदण्ड स्थापित करने की अत्यंत आवश्यकता है इस हेतु निष्पक्ष चयन समिति बनाकर जनसहयोग से छोटे छोटे कार्यक्रम करते हुए समाज मे घरेलू समरसता का आदर्श वातावरण तैयार किया जा सकता है
9 महिला दिवस, बेटी दिवस, मदर्स डे, फादर्स डे , वीरांगनाओं के दिवस/पुण्य तिथियो आदि अवसरों पर भी समाज मे जागृत मूलक कार्यक्रम ( संगोष्ठी, परिचर्चा,काव्य गोष्ठी, नुक्कड़ नाटक, मंचन, चित्रकला, वाद विवाद ,निबन्ध लेखन प्रतियोगिताए ) आयोजित करके सामुदायिक पुलिसिंग के माध्यम से महिला शक्ति सम्मान कार्यक्रम करके जनसहयोग से आपराधिक रोकथाम की दिशा में सार्थक पहल की जा सकती है
10 प्रत्येक थाना स्तर पर तैनात महिला बल जो कि व्यवहारिक धरातल पर ज्यादातर स्तिथि में टाइम पास स्तर से नोकरी करते है ,इनकी इच्छाशक्ति बढ़ाकर महिला ऊर्जा हेल्प डेस्क के माध्यम से भी थाने पर आने वाली प्रत्येक बालिका,युवती,महिलाओ को विशेष तौर से अटेंड करने ,जागरूक करने की एवम पीड़ित महिलाओं ,युवतियों को हरसम्भव विधिक सहायता दिलाये जाने की महती आवश्यकता है, उन्हें सतत कानूनी जागरूकता प्रदान की जावे, हर सम्भव उनकी मदद की जावे , जो कि प्रेक्टिकल में अमूमन देखने मे नही आ पाता है ,इसे व्यवहारिक धरातल पर लाना ही होगा
11 प्रदेश में जिला स्तरों पर महिला अपराधों की रोकथाम हेतु संचालित निर्भया मोबाइल का वास्तविक ,व्यवहारिक एवम प्रतिदिन की मॉनिटरिंग के मापदंड तय करके उसमें कामचलाऊ न होकर योग्य,इच्छुक 2 महिला,2 पुरुष कर्मचारी एक प्रभारी महिला उपनिरीक्षक द्वारा चिन्हित स्थलों पर पेट्रोलिंग के साथ साथ हफ्ते में दो बार भी स्कूल, कॉलेज,कोचिंग,चिन्हित क्षेत्रों/मोहल्ले स्तर पर महिला अपराध रोकथाम सम्बन्धी कानूनी जागरूकता कार्यक्रम करने लगे,जागरूकता पम्प्लेट्स वितरण करने लगे ,तो निश्चित ही काफी हद तक महिला अपराधों में रोकथाम सम्भव हो सकेगी
12 जिला स्तर पर संचालित परिवार परामर्श केंद्रों में भी जो परिवार आपसी समझ बूझ का परिचय देकर ज्यूरी सदस्यो की समझाइश पर आपसी समझौता कर लेते है, ऐसे परिवारों को भी उनके क्षेत्र विशेष में ही विशेष रूप आदर्श परिवार रूप में सम्मानित किया जाकर समाज मे आदर्श उदाहरण रूप में परिलाक्षित करते हुए अन्य परिवारों को भी दिशा दर्शन देना जागरूक करने में महत्वपूर्ण कदम होगा
सजग नागरिक -सुरक्षित समाज
सजग महिला-सजग समाज
प्रस्तुति-
निरीक्षक प्रदीप वाल्मीकि
(सतपुड़ा सिंघम)
महिला थाना प्रभारी सिवनी
Pradeepvalmeeki@gmail.com
+918120213233
+919425448053