छपारा में यूरिया खाद की कालाबाजारी और जमाखोरी चरम पर 350 से 400 रुपए में बिक रही यूरिया, प्रशासन देख रहा तमाशा
छपारा में यूरिया खाद की कालाबाजारी और जमाखोरी चरम पर
350 से 400 रुपए में बिक रही यूरिया, प्रशासन देख रहा तमाशा
अश्वनी मिश्रा
छपारा पृथ्वी टाइम्स// – हाल ही में सुबह के 6:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह के द्वारा जिला कलेक्टर को विभागों के भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के दिशा निर्देश के बाद भी अन्नदाता किसान खरीफ फसल के लिए यूरिया खाद महंगे दामों पर प्राइवेट दुकानदारों से लेने पर मजबूर हैं। 267 रुपए का यूरिया 350 से लेकर 400 रुपए तक बिक रहा हैं, और प्रशासन मूक दर्शक बना तमाशा देख रहा हैं।
उल्लेखनीय है कि इन दिनों जिले के अलावा छपारा तहसील क्षेत्र में अन्नदाता किसान खरीफ फसल की बोनी को लेकर अपने खेतों में पर जुताई, बखराई और साफ-सफाई की समस्त तैयारी कर चुका हैं। लेकिन खरीफ फसल में डाली जाने वाली यूरिया खाद इन दिनों प्राइवेट दुकानदारों के लिए नोट छापने वाली मशीन साबित हो रही हैं। वही मजबूर अन्नदाता किसान ओने पौने दामों पर यूरिया खाद खरीदने पर मजबूर भी है और लूट भी रहा हैं।
## नगर के अलावा गांव-गांव में सैकड़ों गोदाम ##
बता दे की इन दिनों छपारा नगर के अलावा तहसील क्षेत्र के ग्रामीण मुख्यालयों और गांव-गांव में खाद बीज के व्यापारियों के द्वारा रोजाना कई ट्रक यूरिया खाद छोटे और बड़े बड़े गोदामों में स्टॉक कर जमाखोरी की जा रही हैं। वर्तमान समय में छपारा नगर सहित ग्रामीण अंचलों में 267 रुपए कि यूरिया खाद 350 से लेकर 400 रुपए तक प्राइवेट दुकानदारों के द्वारा किसानों को बेची जा रही हैं। यूरिया खाद की जमाखोरी और ओने पौने दामों पर किसानों को बेचने के मामले में बड़े-बड़े किसान संगठन क्यों चुप्पी साधे बैठे हैं यह समझ से परे है? वही कृषि कल्याण विभाग के अधिकारी और जिला प्रशासन मूकदर्शक बने तमाशा देख रहा हैं।