डबल मनी लांड्रिंग का बड़ा सच
डबल मनी लांड्रिंग का बड़ा सच
कई सवाल खड़े करती पुलिसिया कार्यवाही
बालाघाट(पृथ्वीटाइम्स) पुलिस अधीक्षक श्री समीर सौरभ ने सोमेंद्र कंकरायने , हेमराज आमाडारे , अजय तिडके एवम् अन्य साथियों की गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए बताया था कि निवेशकों की राशि को दोगुना करने वालों से नगद राशि दस करोड़ रुपए सहित अन्य सामग्री जप्त की गई है ।
पुलिस प्रशासन ने इस मामले को पूरी गंभीरता के साथ लेते हुए निवेशकों से आग्रह किया कि वे अपनी जानकारी हेल्प डेस्क को दें । इसी क्रम में कुछेक लोगों द्वारा अपनी जानकारी दिए जाने की सूचना मिल रही है ।
प्रकरण के पहलुओं पर गौर किया जाए तो पता चलता है कि प्रति दिन निवेशकों द्वारा लाखों करोड़ रूपए जमा किए जाते रहे जो कि आरोपी गणों ने लांजी क्षेत्र के विभिन्न बैंको में जमा किए गए । इस बाबद जानकारी मिलती है कि संबंधित बैंक द्वारा आरोपियों के घर वाहन भेजकर राशि प्राप्त कर खातों में जमा की जाती रही है । अब ये सवाल उठता है कि क्या? पुलिस जांच में आरोपियों के खातों का खुलासा नहीं हो सका है ताकि पता चल सके कि आरोपियों ने कितने करोड़ों की अफरातफरी की है । या पुलिस इस जानकारी को सार्वजनिक नहीं करना चाह रही है ।
राशि को दोगुना करने की आड़ में कई एजेंटों ने लक्जरी कार , बुलेट जैसी महंगी गाड़ियों के साथ तोलों से सोना और मकान , जमीन खरीद ली है । जो वर्तमान में लांजी क्षेत्र से गायब रहकर रायपुर , राजनांदगांव , दुर्ग , भिलाई में अपने खैरख्वाह अथवा होटलों में समय गुजार रहे हैं । इनमें से कई तो ऐसे भी रहे जिन्होंने निवेशक से राशि प्राप्त कर अपना चेक दिया फिर राशि की अदायगी करते समय 18% जीएसटी भी काट कर लम्बी रकम हथिया ली ।
पुलिस जांच के बिंदुओं को सार्वजनिक नहीं किए जाने से मामला में लोगों की सोच बन रही है कि पुलिस इस मामले को लेकर उतनी सजग नहीं है जितनी की उम्मीद की जा रही थी । जिले के आला अधिकारियों और कर्मचारियों के नामों की जानकारी पुलिस को जप्त रजिस्टर और अन्य दस्तावेजों से मिल तो गई होगी लेकिन पुलिस द्वारा उन बड़ी राशि जमा करने वालों तक नहीं पहुंच रही है ।
दर्ज प्रकरण में आरोपियों के खिलाफ और भी आईपीसी की धाराएं लगाई जा सकती हैं लेकिन पुलिस प्रशासन की ओर से अब तक ऐसे कोई संकेत मिलते दिखाईं नहीं दे रहे हैं ।
निवेशकों को इस बात की उम्मीद है कि आरोपियों को माननीय न्यायालय से जमानत मिली तो उनकी राशि डबल होकर वापिस मिलेगी जबकि ऐसा होना संभव नजर नहीं आता बल्कि इस बात को भलीभांति प्रकार से समझा जा सकता है कि मूलधन भी खतरे में पड़ गया है ।