पंचायत चुनाव में गुलाबी, नीले, पीले और सफेद रंग के होंगे मतपत्र त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव मतपत्र से कराए जाएंगे…
*पंचायत चुनाव में गुलाबी, नीले, पीले और सफेद रंग के होंगे मतपत्र*
*त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव मतपत्र से कराए जाएंगे…*
पृथ्वी टाइम्स सिवनी//
इसके लिए
गुलाबी – जिला पंचायत सदस्य
पीला – जनपद सदस्य
नीला – सरपंच
और सफेद रंग – पंच
के मतपत्र रहेंगे। इसकी तैयारी के लिए राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने शुक्रवार को राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी को कागज की व्यवस्था करके समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
राज्य निर्वाचन आयोग के कार्यालय में हुई बैठक में बताया गया कि इस बार जिला और जनपद पंचायत के सदस्य का चुनाव भी मतपत्र से कराया जाएगा। एक मतदाता पंच, सरपंच, जनपद और जिला पंचायत के सदस्य के लिए मतदान करेगा। इसमें किसी प्रकार की गफलत न हो, इसके लिए अलग-अलग रंग के मतपत्र रखे जाएंगे।
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि विभिन्न् रंग के कागज की पर्याप्त व्यवस्था कर ली जाए। इसके साथ ही नगरीय निकाय चुनाव में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन मतपत्र मुद्रण के साथ 35 प्रकार के प्रारूप प्रपत्र और आठ प्रकार के लिफाफों के मुद्रण की व्यवस्था करें। विभागीय अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि समय पर सभी काम पूरे कर लिए जाएंगे। इस दौरान आयोग के सचिव राकेश सिंह ने बताया।
*एक जून से लग सकती है आचार संहिता:25 मई तक सभी कलेक्टर ‘आरक्षित’ 5 दिन सिर्फ आरक्षण का काम करेंगे*
*दो सप्ताह के भीतर राज्य निर्वाचन आयोग को पंचायत और नगरीय निकाय के चुनावों की घोषणा करना है।*
सुप्रीम कोर्ट के दो सप्ताह में पंचायत और नगरीय निकायों में ओबीसी आरक्षण करवाकर चुनाव घोषित करने के आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग और सरकार भी हरकत में आ गई है। पंचायतों में ओबीसी आरक्षण करवाए जाने के एक दिन के निर्णय के बाद शुक्रवार को नगरीय निकायों में ओबीसी आरक्षण के साथ एससी और एसटी आरक्षण 50 फीसदी की सीमा कराए जाने के कलेक्टरों को आदेश जारी कर दिए गए हैं।
प्रदेश में यह पहला मौका है जब दो सप्ताह के भीतर आयोग को पंचायत और नगरीय निकाय के चुनावों की घोषणा करना है। ओबीसी आरक्षण कराए जाने की समय सीमा 25 मई है। इसलिए राज्य निर्वाचन आयोग कलेक्टरों के साथ कोई वीसी नहीं करेगा, साथ ही मुख्यमंत्री भी सामूहिक रूप से कलेक्टरों से सामूहिक चर्चा नहीं करेंगे। कलेक्टरों को अगले पांच दिनों के लिए ओबीसी समेत आरक्षण रिपोर्ट तैयार किए जाने के लिए फ्री हैंड कर दिया गया है।
नगरीय निकाय में आरक्षण को लेकर विभाग से भेजे गए निर्देश में स्पष्ट कर दिया गया है कि किसी भी निकाय में 35 प्रतिशत से अधिक ओबीसी आरक्षण नहीं होगा। उदाहरण के लिए किसी निकाय में एससी-एसटी मिलाकर 10 प्रतिशत होता है तो वहां अधिकतम 50 प्रतिशत आरक्षण की बाध्यता के तहत 40 प्रतिशत तक ओबीसी को आरक्षण नहीं दिया जाए।