काँचना-मंडी जलाशय किसानों के कोई काम का नही विभागीय उदासीनता से नहर की सफाई में खुद जुटे किसान
*काँचना-मंडी जलाशय किसानों के कोई काम का नही*
*विभागीय उदासीनता से नहर की सफाई में खुद जुटे किसान*
सिवनी पृथ्वी टाइम्स।
सम्पूर्ण मध्य प्रदेश में कुछ दिनों बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं किसान बारिश नहीं होने के कारण बहुत परेशान है बरघाट अंचल को मध्य प्रदेश में धान का कटोरा कहा जाता है लेकिन कांचना मंडी जलाशय , नहरें नहीं बन पाने के कारण किसान की फसल झुलस रही है चुनाव के समय नेताजी बड़ी-बड़ी बात करते हैं की खेतों तक पानी बिजली पहुंचेगी लेकिन जलाशय निर्माण भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है काचना मंडी जलाशय अपने अस्तित्व बचाने के लिए बेबस नजर आ रहा है किसानों की माने तो साले कांचना मंडी के किसानों ने जिला कलेक्टर सांसद विधायक सहित जल संसाधन विभाग को आवेदन दे चुके हैं किंतु आज दिनांक तक भी नहर में मिट्टी होने के कारण उनके खेतों में पानी नहीं पहुंच पा रहा ना कोई जल संसाधन विभाग के अधिकारी ना कोई सांसद विधायक सुध ले रहे हैं इस सप्ताह बारिश नहीं हुई तो किसान की धान की फसल झुलसकर नष्ट हो जाएगी। रही बात पानी की तो कांचना जलाशय में पर्याप्त पानी है लेकिन यह पानी हिर्री नदी जेवनारा में बह रहा है अगर जन प्रतिनिधि और विधायक सांसद चाहे तो 10 ,12 गांव के किसानों की फसल झुलसने से बचा सकते हैं किसानों ने आस छोड़ दी है वह आज स्वयं साल्हे रूट की नहर में पहुंचकर जन सहयोग से नहर की सफाई कर रहे हैं किसान बेबस है जाएं तो किसके पास? कुछ माह पूर्व मुख्यमंत्री जी ने सिवनी आगमन पर काँचना मंडी जलाशय की नहर निर्माण का वादा तो कर दिया किंतु धान की फसल झुलस रही है एक किसान जिसने महंगा बीज खरीद कर अपनी धान की फसल लगाई अब वे किसान आंदोलन करने की भी बात कर रहे हैं।