जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में रिश्वत कांड
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में रिश्वत कांड
परेश के राय
बालाघाट(पृथ्वीटाइम्स) 28 जुलाई
जिला मुख्यालय स्थित जिला शिक्षा विभाग के प्रमुख कार्यालय के समीप चांगोटोला संकुल में पदस्थ सहायक ग्रेड–2 लक्ष्मी उइके को लोकायुक्त पुलिस ने उस समय धरदबोचा जब कि वे सेवानिवृत्त शिक्षक से पेंशन प्रकरण जल्द कराने के लिए तीस हजार रूपये ले रहे थे ।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चांगोटोला शासकीय विद्यालय में शिक्षक को अटैच किया गया था जो कि समीपस्थ ग्राम बसेगांव शाला में पदस्थ थे और 31 मई को सेवानिवृत्त हुए थे । सेवानिवृत्ति पश्चात् मिलने वाली उपादान राशि और पेंशन के लिए उन्हें भटकाया जा रहा था । इसीबीच जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के दो बाबुओं ने चांगोटोला संकुल में पहुंच बाबू लक्ष्मी उइके से चर्चा की और पेंशन की बाट जोह रहे सेवानिवृत्त शिक्षक से पैंतीस हजार रूपये लेकर बालाघाट आने कहा । सेवानिवृत्त शिक्षक ने इस बात की जानकारी लोकायुक्त पुलिस को दी और पैसे लेकर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचा तथा उइके बाबू को कॉल किया । तदसमय बाबू कार्यालय से बाहर निकले और सेवानिवृत्त शिक्षक से रूपये प्राप्त किए , इतना होते ही लोकायुक्त टीम ने बाबू को रंगे हाथों धरदबोचा ।
लोकायुक्त टीम के समक्ष दिए गये बयान में रिश्वतखोर बाबू ने कार्यालय के दो बाबुओं का नाम लिखाने के संकेत मिले हैं , जिनके कहने पर उइके बाबू ने पैसों के साथ सेवानिवृत्त शिक्षक को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में बुलवाया था ।
जिला कलेक्टर कार्यालय परिसर में स्थित जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में हुई घटना से समग्र शिक्षा विभाग के कर्मचारियों में दहशत पैदा हो गई है कि बाबुओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि उन्हें डर नाम की कोई बात नहीं रह गई है । गुप्त सूत्रों से पता चला है कि इस पूरे चक्रव्यूह में एक बाबू ऐसा भी है जो कभी पुलिस के निशाने पर आ चुका है ।
रिश्वतखोरी की इस घटना से समग्र शिक्षा विभाग में सनसनी फैल गई है । देखना होगा कि लोकायुक्त पुलिस की कार्यवाही पकड़े गए बाबू तक ही सीमित रहती है या उन बाबुओं तक भी पहुंचेगी जिनकी वजह से यह पूरा घटनाक्रम घटित हुआ है । या बाबू की राजनैतिक पहुंच से सिर्फ और सिर्फ एक ही बाबू तक लोकायुक्त का शिकंजा कसा रहेगा ।