छपारा नगर परिषद के अधिकारियों की लापरवाही
छपारा नगर परिषद के अधिकारियों की लापरवाही
ये…….. चाय नहीं, पीने का पानी हैं सरकार
नल जल योजना से संक्रमण का खतरा
छपारा पृथ्वी टाइम्स । नगर में इन दिनों नल जल योजना से जो पानी सप्लाई किया जा रहा है वह पीने योग्य तो बिल्कुल भी नहीं है और नहाने से भी संक्रमण का खतरा नगर वासियों के लिए बना हुआ हैं। हैरानी की बात यह है कि जब नगर परिषद के 15 वार्डों में 90 प्रत्याशी पार्षद के लिए खड़े हुए हैं, उन्होंने भी इस पूरे चुनाव प्रचार प्रसार के दौरान इस गंभीर पेयजल समस्या की ओर ध्यान क्यों नहीं दिया यह समझ से परे है?
उल्लेखनीय है कि छपारा नगर परिषद के जिम्मेदार सीएमओ और परिषद में प्रशासक के रूप में व्यवस्था संभाल रहे तहसीलदार अपनी जिम्मेदारी और कर्तव्य निष्ठा पूरी तरह भूल चुके हैं। दरअसल नगर में इन दिनों जो नल जल योजना से पेयजल आम नागरिकों बांटा जा रहा है वह गंभीर बीमारी और संक्रमण का रूप ले सकता है। बता दें कि हाल ही में छपारा नगर परिषद के 15 वार्डों में चुनाव संपन्न हुए हैं। नगर परिषद के 15 वार्डों से कांग्रेस और भाजपा सहित निर्दलीय 90 प्रत्याशियों ने इस गंभीर पेयजल और गंदे पानी की सप्लाई की ओर ध्यान क्यों नहीं दिया यह बात आम जनता अब उनसे पूछना चाह रही हैं।
## चुनाव प्रचार प्रसार में रहे व्यस्त, जनता की नहीं ली सुध ##
बता दें कि छपारा नगर परिषद में 15 वार्डों में कांग्रेस और भाजपा के अलावा निर्दलीय पार्षद पद के 90 प्रत्याशी अपनी-अपनी किस्मत आजमाने के लिए खड़े हुए हैं। लगभग 1 महीनों से भाजपा और कांग्रेस सहित निर्दलीय प्रत्याशियों के द्वारा कानफोडू और शोरगुल के साथ लाखों रुपए खर्च करते हुए अपना अपना प्रचार-प्रसार लगातार किया गया। किंतु सत्ता पक्ष में बैठी भाजपा और विपक्ष में बैठी कांग्रेस के जिम्मेदार नेताओं सहित चुनाव में खड़े हुए समस्त निर्दलीय प्रत्याशियों ने नगर में बांटे जा रहे गंदे और संक्रमण युक्त पेयजल की समस्या की ओर ध्यान देना उचित नहीं समझा। अब इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता हैं, कि जब चुनाव के समय ही पार्षद पद के 90 उम्मीदवार अपने-अपने वार्डों में हाथ पैर जोड़कर कई बार वोट की भीख मांग रहे थे तब उन्होंने पेयजल के रूप में बांटे जा रहा है संक्रमण की ओर ध्यान क्यों नहीं दिया? बता दें कि पार्षद के रूप में खड़े हुए उक्त सभी राष्ट्रीय दलों के अलावा निर्दलीय तौर पर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के अलावा छपारा नगर परिषद में प्रशासक के रूप में बैठे तहसीलदार और सीएमओ भी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। ऐसे में दूषित और गंदे पेयजल से नगर में संक्रमण और बीमारी के फैलने का खतरा बना हुआ हैं।