आखिर क्यों चुनाव के समय ही एकजुट नजर आती हैं कांग्रेस?
आखिर क्यों चुनाव के समय ही एकजुट नजर आती हैं कांग्रेस?
इतनी एकजुटता छपारा नगर विकास के लिए दिखाते तो……
अश्वनी मिश्रा
छपारा पृथ्वी टाइम्स – नगर परिषद चुनाव में जितनी एकजुटता और शक्ति प्रदर्शन कांग्रेस कर रही हैं। अगर इतनी एकजुटता से कांग्रेस के द्वारा छपारा नगर विकास के लिए आवाज बुलंद की जाती तो नगर में मूल भूत सुविधाओं के लिए नागरिकों को तरसना नहीं पड़ता।
उल्लेखनीय है कि छपारा नगर परिषद चुनाव के ऐलान के समय से ही छपारा ब्लाक कांग्रेस कमेटी सहित केवलारी के पूर्व विधायक और सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर रजनीश सिंह सक्रियता के साथ चुनावी रणनीति बनाने में जुट गए थे। परिषद के आरक्षण प्रक्रिया संपन्न होने के कुछ दिनों बाद ही कांग्रेस संगठन ने अपने अधिकृत प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी थी।
## एकजुटता और शक्ति प्रदर्शन वोट बैंक में बदल पाएगा? ##
बता दें कि ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के कांग्रेसियों और केवलारी के पूर्व विधायक तथा सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर रजनीश सिंह के नेतृत्व में छपारा नगर परिषद के 15 वार्डों के अधिकृत प्रत्याशी नामांकन जमा करने के दौरान एकजुटता और शक्ति प्रदर्शन के रूप में रैली निकालकर फॉर्म जमा करने पहुंचे थे। उसके बाद से ही परिषद के 15 वार्डो से कांग्रेस अपने अधिकृत प्रत्याशीयों को चुनाव जिताने के लिए रणनीति और कूटनीति के तहत वार्डों में जनसंपर्क में कमर कसकर जुटे हुए हैं। नगर परिषद चुनाव में अपने 15 प्रत्याशियों को जिताने के लिए कांग्रेस संगठन ने जितनी एकजुटता और शक्ति प्रदर्शन कर रही हैं, अगर उतनी ही एकजुटता कांग्रेस संगठन के द्वारा पिछले वर्षों के दौरान छपारा नगर विकास के लिए की जाती तो आज नगर के नागरिकों को मूलभूत सुविधाओं जैसी समस्या से जूझना नहीं पड़ता। आज भी छपारा नगर की 20 हजार से अधिक आबादी को साल के 365 दिन पीने के पानी के लिए तरसना पड़ता हैं। अन्य सुविधाओं की बात की जाए तो बाबा आदम के जमाने की नालियां अब पूरी तरह लुप्त हो चुकी हैं। सबसे ज्यादा खराब हालात नगर के एकमात्र मुख्य मार्ग में हैं। जहां मार्ग के दोनों ओर की नालियां लापता हो गई हैं और पहली ही बरसात में रोड पर गंदगी के रूप में विकास की गंगा बहती दिखाई देती हैं। लगभग 18 वर्षों से कांग्रेस ने विपक्ष में होने के नाते अपनी भूमिका वैसे नहीं निभा पाई हैं जैसे कि एक राष्ट्रीय दल को निभाना चाहिए था। अब देखना यह है कि छपारा नगर परिषद के 15 वार्डों में कांग्रेस की एकजुटता और शक्ति प्रदर्शन मूलभूत समस्याओं को झेल रहे मतदाताओं के वोट बैंक में बदल पाएगा?