शिवराज सरकार की संशोधन याचिका सुप्रीम कोर्ट में स्वीकार, 17 मई को होगी सुनवाई साभार अमर उजाला, भोपाल आनंद पवार ।
शिवराज सरकार की संशोधन याचिका सुप्रीम कोर्ट में स्वीकार, 17 मई को होगी सुनवाई
साभार अमर उजाला, भोपाल आनंद पवार ।
*सुप्रीम कोर्ट ने नगरीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव कराने के आदेश में संशोधन की शिवराज सिंह चौहान सरकार की याचिका स्वीकार कर ली है। इस पर सुप्रीम कोर्ट में 17 मई को सुनवाई होगी।*
*मध्य प्रदेश: पंचायत चुनाव बैलेट पेपर और नगरीय निकाय ईवीएम से होंगे, आयुक्त बोले- हम चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार*
*MP पंचायत चुनाव:* सरकार सुप्रीम कोर्ट में मॉडिफिकेशन ऑफ ऑर्डर का आवेदन करेगी, सीएम बोले नए सिरे से तथ्य रखेंगे
नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण लागू होने की उम्मीद जाग गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर सरकार ने जो संशोधन याचिका पेश की है, उसे सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। अब इस पर 17 मई को सुनवाई होगी। तब पता चलेगा कि सुप्रीम कोर्ट अपने आदेश में कोई बदलाव करता है या नहीं।
सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को राज्य निर्वाचन आयोग को 15 दिनों में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करने को कहा था। साथ ही यह चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के कराने के निर्देश दिए हैं। इस आदेश में संशोधन के लिए शिवराज सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को दिल्ली में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और वकीलों की टीम से मुलाकात की थी।
ओबीसी को 27% सीट देने का ऐलान
*सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ओबीसी आरक्षण खत्म करने का आरोप एक-दूसरे पर लगाना शुरू कर दिया। दोनों ही राजनीतिक दलों ने बिना आरक्षण के चुनाव होने पर ओबीसी वर्ग को साधने के लिए 27 प्रतिशत टिकट ओबीसी वर्ग के नेताओं को देने का ऐलान किया था।*
*राज्य निर्वाचन आयोग ने तेज की तैयारी*
राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव कराने की तैयारी तेज कर दी है। आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने सभी जिलों के कलेक्टर्स के साथ बातचीत की। उन्होंने साफ कहा कि दोनों ही चुनाव जून माह में करा लिए जाएंगे। पंचायत चुनाव बैलेट पेपर और नगरीय निकाय चुनाव ईवीएम से होंगे।
तीन बिंदु, जिस पर पक्ष रखेंगे
1) मप्र में 16 नई नगर पंचायतें (परिषद) बनी हैं। इनमें वार्डवार आरक्षण नहीं हो सका है।
2) परिसीमन के कारण 286 नई ग्राम पंचायतें भी अस्तित्व में हैं। इतनी जल्दी आरक्षण व तैयारी नहीं हो सकती।
3) ट्रिपल टेस्ट की रिपोर्ट में तहसील स्तर पर जानकारी जुटाई गई है। लिहाजा इस पर पुनर्विचार किया जा सकता है। सरकार चाहती है कि ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव हों।